रायगढ़ की सौम्या शर्मा ने कथक से बिखेरी शास्त्रीय नृत्य की छटा


रायगढ़ की सौम्या शर्मा ने कथक से बिखेरी शास्त्रीय नृत्य की छटा
रायगढ़, 1 सितम्बर 2025।
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चक्रधर समारोह के छठवें दिन रायगढ़ की युवा कथक नृत्यांगना कु. सौम्या शर्मा ने अपनी अनुपम प्रस्तुति से दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। मंच पर जैसे ही सौम्या ने तीन ताल में गणेश वंदना की प्रस्तुति दी, वैसे ही पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इसके बाद उन्होंने जयपुर घराने की विशेषता लिए तोड़े-तुकड़े, 16 चक्कर, जुगलबंदी फुटवर्क और राग केदार पर आधारित एक तराना प्रस्तुत किया। उनकी भाव-भंगिमाएं, लयकारी और मनमोहक पदचाप दर्शकों को मंत्रमुग्ध करती रही।
सौम्या शर्मा बचपन से ही शास्त्रीय नृत्य के प्रति विशेष लगाव रखती हैं। उन्होंने प्रयाग संगीत समिति से अपनी गुरु श्रीमती पूजा जैन के मार्गदर्शन में पंचम वर्ष तक कथक की शिक्षा ग्रहण की और निरंतर साधना जारी रखी है। मेहनत और लगन के बल पर उन्होंने कथक की बारीकियों पर पकड़ बनाई और आज वे रायगढ़ ही नहीं बल्कि प्रदेश की एक होनहार नृत्यांगना के रूप में अपनी पहचान बना चुकी हैं।
चक्रधर समारोह के मंच पर सौम्या की प्रस्तुति ने यह साबित कर दिया कि नई पीढ़ी भी परंपरागत शास्त्रीय विधाओं को आगे बढ़ाने में पूरी तरह समर्पित है। कार्यक्रम में उपस्थित कला-प्रेमियों और विशेषज्ञों ने उनके भाव-नृत्य और ताल-लय की अद्भुत प्रस्तुति की सराहना की।
गौरतलब है कि सौम्या शर्मा को अब तक कई प्रतिष्ठित मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की अनेक प्रतियोगिताओं में प्रथम और द्वितीय स्थान हासिल कर रायगढ़ जिले और पूरे छत्तीसगढ़ का नाम गौरवान्वित किया है। उनकी उपलब्धियां युवा कलाकारों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
चक्रधर समारोह में सौम्या की यह प्रस्तुति न केवल उनकी नृत्य प्रतिभा का परिचय थी, बल्कि यह भी संदेश दे गई कि भारतीय शास्त्रीय नृत्य की परंपरा नई पीढ़ी के हाथों सुरक्षित और जीवंत है।