युद्ध विरोधी दिवस पर रायगढ़ में सांकेतिक प्रदर्शन गांधी प्रतिमा स्थल से उठी शांति की पुकार


य
ुद्ध विरोधी दिवस पर रायगढ़ में सांकेतिक प्रदर्शन
गांधी प्रतिमा स्थल से उठी शांति की पुकाररायगढ़,
वर्तमान समय में विश्व दो बड़े युद्धों की मार झेल रहा है। एक ओर रूस–यूक्रेन युद्ध जारी है तो दूसरी ओर फिलिस्तीन–इजराइल संघर्ष ने मानवता को गहरे संकट में डाल दिया है। इन युद्धों में अब तक हजारों निर्दोष नागरिकों की मौत हो चुकी है। गाजा पट्टी में इजराइल द्वारा की जा रही लगातार बमबारी ने तो सारी हदें पार कर दी हैं। अंतर्राष्ट्रीय राहत सामग्री तक को रोक दिया जा रहा है, जिसके कारण सबसे अधिक पीड़ित बच्चे और महिलाएं हो रहे हैं। भुखमरी और इलाज के अभाव में असंख्य जिंदगियां बुझ चुकी हैं।
इजराइल के हमलों के चलते केवल पिछले 22 महीनों में 62 हजार 819 फिलिस्तीनियों की जान जा चुकी है। यह आंकड़ा केवल संख्या नहीं, बल्कि टूटते सपनों और उजड़ते घरों की दर्दनाक गवाही है। आज दुनिया का हर संवेदनशील नागरिक युद्ध के इस क्रूर स्वरूप से व्यथित और चिंतित है।
इसी वैश्विक परिप्रेक्ष्य में छत्तीसगढ़ किसान सभा, रायगढ़ इकाई ने 1 सितम्बर की शाम 4 बजे गांधी प्रतिमा स्थल पर युद्ध विरोधी दिवस के अवसर पर सांकेतिक प्रदर्शन किया। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने मौन जुलूस और तख्तियों के माध्यम से युद्ध का विरोध व्यक्त किया और शांति बहाली की मांग उठाई। सभा के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें भारत सरकार से अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर युद्धविराम और शांति वार्ता के लिए सक्रिय पहल करने की मांग की गई।
किसान सभा के वक्ताओं ने कहा कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है। असली जीत हथियारों से नहीं, बल्कि संवाद और न्यायपूर्ण समझौतों से होती है। उन्होंने नागरिक समाज से भी अपील की कि वे आवाज़ उठाएँ ताकि आने वाली पीढ़ियाँ युद्ध के अंधकार में नहीं, बल्कि शांति और मानवीय सहयोग की रोशनी में जी सकें।