जिंदल पावर लिमिटेड की प्रस्तावित कोयला खदान के विरोध में ग्राम सभा का निर्णय 14 अक्टूबर 2025 की जनसुनवाई निरस्त करने की मांग


जिंदल पावर लिमिटेड की प्रस्तावित कोयला खदान के विरोध में ग्राम सभा का निर्णय
14 अक्टूबर 2025 की जनसुनवाई निरस्त करने की मांग
तमनार – जिंदल पावर लिमिटेड की प्रस्तावित कोयला खदान परियोजना एवं 14 अक्टूबर 2025 को ग्राम धौराभांठा में आयोजित जनसुनवाई के विरोध में ग्राम सभा झरना का सर्वसम्मत आपत्ति प्रस्ताव।
दिनांक 14/10/2025 को ग्राम धौराभांठा में जिंदल पावर लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित कोयला खदान की स्थापना को लेकर जनसुनवाई आयोजित की जानी है। इस जनसुनवाई से आसपास के 28 ग्राम प्रभावित हो रहे हैं, जिनमें ग्राम पंचायत झरना भी सम्मिलित है।
इस संबंध में दिनांक 19/09/2025 को ग्राम पंचायत झरना की ग्राम सभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पर्यावरण कार्यालय को ज्ञापन सौंपा है । ज्ञापन में ग्रामवासियों ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि उन्हें अपने खेत, जल-जंगल-जमीन किसी भी कीमत पर खोना स्वीकार नहीं है। ग्रामवासियों ने यह भी मांग की है कि जिंदल कंपनी की प्रस्तावित जनसुनवाई को तत्काल रद्द किया जाए।
इसके अतिरिक्त दिनांक 16/09/2025 को ग्राम पंचायत भवन झरना में विधिवत ग्राम सभा आयोजित की गई। इस बैठक में पंचायत क्षेत्र के सभी पात्र सदस्य, महिला-पुरुष ग्रामीण, परंपरागत पंच, जनप्रतिनिधि एवं पंचायत पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। परियोजना पर गहन विचार-विमर्श के उपरांत ग्राम सभा ने सर्वसम्मति से प्रस्तावित परियोजना का विरोध करते हुए आपत्ति प्रस्ताव पारित किया।
ग्राम सभा का मानना है कि प्रस्तावित परियोजना से ग्रामीण जीवन, आजीविका, पर्यावरण और सामाजिक-सांस्कृतिक संरचना पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ग्राम सभा द्वारा प्रस्तुत मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं—
भूमि और आजीविका का संकट : ग्राम झरना की भूमि कृषि प्रधान है। यही किसानों और ग्रामीणों की आजीविका का प्रमुख आधार है। कोयला खदान की स्थापना से वे अपनी भूमि, जलस्रोत और वनों से वंचित हो जाएंगे।
प्रदूषण की समस्या : परियोजना से वायु, जल एवं मिट्टी प्रदूषण की समस्या बढ़ेगी, जिससे ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा
जल संकट : क्षेत्र के परंपरागत जल स्रोत, नदी-नाले एवं भूमिगत जल पहले से ही औद्योगिक गतिविधियों से प्रभावित हैं। नई खदान से जल संकट और बढ़ेगा । सांस्कृतिक व पर्यावरणीय क्षति : प्रस्तावित परियोजना ग्रामीणों की संस्कृति, परंपरागत जीवनशैली और पर्यावरण को नष्ट करेगी
उक्त सभी कारणों के आधार पर ग्राम सभा झरना ने सर्वसम्मति से यह आपत्ति प्रस्ताव पारित किया कि—
ग्राम झरना में जिंदल पावर लिमिटेड की स्थापना को किसी भी स्तर पर पर्यावरणीय स्वीकृति न दी जाए।
ग्राम सभा झरना का यह आपत्ति प्रस्ताव विधिसम्मत मान्यता प्राप्त कर रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए।
इस प्रस्ताव की प्रति माननीय न्यायालय एवं संबद्ध प्राधिकरणों के समक्ष प्रस्तुत करने योग्य प्रमाणित दस्तावेज़ माना जाए।
यह निर्णय संविधान की पाँचवी अनुसूची, पेसा अधिनियम 1996 एवं छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम के अनुरूप विधिवत आयोजित ग्राम सभा में लिया गया है। ग्राम सभा को अपने क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है।
ग्राम सभा झरना की सर्वसम्मत आपत्ति का सम्मान करते हुए प्रस्तावित जनसुनवाई को निरस्त किया जाए एवं परियोजना को किसी भी प्रकार की पर्यावरणीय स्वीकृति प्रदान न की जाए। इससे ग्रामीणों की भावनाओं, आजीविका और संवैधानिक अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित होगा।